Class 10 Maithili Notes चन्द्रमुखी (Chandramukhi) Chapter 4 VVI Questions का आंसर देखने वाले है. जो आपके Matric Board Exam के लिए महत्वपूर्ण है. Class 10th Maithili Subjective 2025 pdf के द्वारा class 10 maithili का सुम्पूर्ण तैयारी कर सकते है.
गद्ध खण्ड
4. चन्द्रमुखी
1. फूल केहन प्रग छल ?
उत्तर— फूल मातृभक्त प्रग छल ।
2. चन्द्रमुखी दाइ कतेक जमीन खरीदलनि ?
उत्तर- चन्द्रमुखी दाइ दू कट्ठा जमीन खरीदलनि ।
2. चन्द्रमुखी कथीक दालि खेनाय छोड़ि देलनि ?
उत्तर- चन्द्रमुखी बदामक दालि खेनाय छोड़ि देलनि ।
3. विधवा रहितो चन्द्रमुखी की रान्हथि ?
उत्तर—चन्द्रमुखी माँछ रान्हथि।
3. चन्द्रमुखी कथाक लेखक के छथि ?
उत्तर- लिली रे चन्द्रमुखी कथाक लेखक छथि ।
4. मरीचिका पर कोन पुरस्कार लीली रे के भेटलनि ?
उत्तर— साहित्य अकादेमी पुरस्कार लीली रे के मरीचिका पर भेटलनि ।
5. चन्द्रमुखीक बालक नाम की छल ?
उत्तर- चन्द्रमुखीक बालकक नाम फूल छल ।
6. फूल के कोन बीमारी भेलैक ?
उत्तर- फूल कें कैंसर बीमारी भेलैक।
7. चन्द्रमुखी कथा अहाँ के केहन लगैत अछि ?
उत्तर- ‘ चन्द्रमुखी’ कथा अत्यन्त कारुणिक कथा थिक । कष्ट कटैत संतान कें पोसब, पढ़ा-लिखा ओकील बनाएब आ जखन सुखक दिन लगीच आएल तँ ओएह संतान अधलाहं व्याधि सँ ग्रसित भए दोसर लोक लेल प्रस्थान कए जाइछ आ चन्द्रमुखी बौक बनि जाइत छथि। जखन बोली फुटैत छनि तँ कहैत छथि जे आब कथी लेल उपास आ ककरा लेल जगरना। मैथिली कथा साहित्य मे स्व० मनमोहन झा कारुणिक कथाक रचना में सिद्धहस्त मानल जाइत छलाह मुदा लेखिका लिली रे ‘चन्द्रमुखी’ कथा पढ़ि ई कहबा लेल बाध्य भए जाइत छी जे ओ मनमोहन झा सँ कनेको न्यून नहि छथि कारुणिक कथाक सृजनक मादे । इएह हिनक काव्य विशेषता थिक ।
8. चन्द्रमुखी कथाक मूल विचार लिखू।
उत्तर—’चन्द्रमुखी’ कथा मे मायक त्याग ओ ममताक एक कारुणिक चित्र प्रस्तुत कएल गेल अछि। भारत मे संतानक लेल माय ममताक मंजूषा, वात्सल्यक वाटिका ओ स्नेहक सुख-सदन मानल गेल अछि। ओ अपन संतानक लेल कोनो प्रकारक त्याग करबाक लेल तैयार रहैछ। एहि लेल ओ आजीवन प्रयत्नशील रहैछ मुदा जखन ओहो आशा छुटि जाइत छैक तँ ओ बौक भए जाइछ। सम्पूर्ण कथा मे लेखिका लिली रे अत्यन्त मार्मिक ढंग सँ संतान स्नेहक चित्र उपस्थित कएने छथि । हुनक सूझबूझक प्रतीक बेटाक पहिल क्रन्दन जखन चन्द्रमुखी बदाइक कान मे पड़लनि जेना ओ क्रन्दन नहि भए सूचनाक हुंकार छल । हम आबि गेलहुँ।
9. फूलक चरित्र चित्रण संक्षेपमे करू |
उत्तर— फूल चन्द्रमुखीक पुत्र छल । ओकर पिताक मृत्यु बाल्यकालहि मे भए गेल छलैक। ओकर माय ओकरा कोनो घरानी कए ओकील बनाए देलक । फूलो के अपन माय छोड़ि आओर केओ नहि छैक। तँ ओ चाहैत अछि जे अपन सभ सुखी मायके दय दैक। मुदा एहि बीच ओकरा पेशाब में खून आबय लगैत छैक। अनेक जाँच पड़तालक बादो ओ मरि जाइत अछि । एहि सँ बुझाइत अछि जे फूल सद्बिचारी एवं मातृभक्त छल । अपन मायक कोनो कष्ट देखय नहि चाहैत छल। अपने आधो पेट खाकए माय के खुश राखय चाहैत छल।
10. ‘चन्द्रमुखी’ कथाक वैशिट्य लिखू ।
उत्तर- ‘चन्द्रमुखी’ एकटा एहन स्त्रीक कथा थिक जकरा एकटा बेटा होइत छैक। ओकर नाम फूल राखल जाइछ। फूल कें की कएने नीक हेतनि, की खुअओने ओ स्वस्थ रहताह, ताहि दिस चन्द्रमुखी सदति तत्पर रहैत छलीह । टोल, पड़ोस, दुरस्थ संबंधिक वर्गक ओहिठाम कोनो करतेबटा भेला पर खटि देथि, मेहनतनामा जे भेटनि से फूल मे लगा देथि । राति राति भरि चरखा कटैत छलीह। बेटा के पढ़ा-लिखा ओकील बना लेलनि। फूल प्रति मास पाँच टाका पठाबए लगलनि । किछु समयक बाद दस टाका दिय लगलनि। बेटा, चन्द्रमुखी केँ दरभंगा – मधुबनी चलबा लेल कहनि परञ्च ओ नहि जाथि। हुनक इच्छा रहनि जे गाम पर एकटा पक्का मकान बनौतीह । बेटाक विवाह भेला पर पुतोहू ओही मकान में औतनि, से सेहन्ता छलनि । अपन फूल पर चन्द्रमुखी कें गर्व रहनि । चन्द्रमुखी रुपैया जमा करए लगलीह। अपना ऊपर जेहो खर्च रहनि, तकरों घटा लेलनि। जहिया के फूल गाम आबथि, चन्द्रमुखी खूब मोन लगा भानस करथि। विधवा छलीह, तैयो अपनहि सँ माछ रान्ह थि । अपन फूलक प्रसंग कतेको इच्छा पोसने छलीह मोन मे । मुदा प्रसन्नता एवं सुख चन्द्रमुखी के बेसी दिन नहि लिखल छलनि। फूल के कैंसर भए गेलनि । हुनक इलाज में ओ कोनो कसरि नहि छोड़लनि परञ्च फूल हुनका सँ दूर, बहुत दूर चलि गेलाह ।
S.N | Non-Hindi (अहिन्दी) Objective Questions |
1. | तू जिंदा है तो |
2. | ईदगाह |
3. | कर्मवीर |
4. | बलगोबिन भगत |
5. | हुंडरू का जल प्रताप |
6. | बिहारी के दोहे |
7. | ठेस |
8. | बच्चे की दुआ |
9. | अशोक का शस्त्र त्याग |
10. | इर्ष्या तू न गई मेरे मन से |
11. | कबीर के पद |
12. | विक्रमशिला |
13. | दीदी की डायरी |
14. | पीपल |
15. | दीनबंधु “निराला” |
16. | खेमा |
17. | खुशबु रचते हाथ |
18. | हौसले की उडान |
19. | जननायक कर्पूरी ठाकुर |
20. | झाँसी की रानी |
21. | चिकित्सा का चक्कर |
22. | सुदामा चरित |
23. | राह भटके हिरण के बच्चे |