Social Science vvi subjective
Social Science Important Subjective Class 10th

Social Science Important Subjective Questions For Matric Board Exam

1. राष्ट्रवाद के उदय के कारणों एवं प्रभाव की चर्चा करें।

उत्तर- कारण यूरोप में राष्ट्रीयता की भावना को 1789 की फ्रांसीसी क्रांति तथा नेपोलियन की विजयों ने बढ़ावा दियाफ्रांसीसी क्रांति ने कुलीन वर्ग के हाथों से राजनीति को सर्वसाधारण एवं मध्यमवर्ग तक पहुँचा दियानेपोलियन ने विजित राज्यों में राष्ट्रवादी भावना जागृत कर दीसाथ ही नेपोलियन के युद्धों और विजयों से अनेक राष्ट्रों में फ्रांसीसी आधिपत्य के विरुद्ध आक्रोश पनपा, जिससे राष्ट्रवाद का विकास हुआ। 

प्रभाव: 18वीं एवं 19वीं शताब्दियों में यूरोप में जिस राष्ट्रवाद की लहर चली, उसके व्यापक और दूरगामी प्रभाव यूरोप और विश्व पर पड़े जो निम्नलिखित थे— 

(i) राष्ट्रीयता की भावना से प्रेरित होकर अनेक राष्ट्रों में क्रांतियाँ और आंदोलन हुए। इनके फलस्वरूप अनेक नए राष्ट्रों का उदय हुआ, जैसे- इटली और जर्मनी के एकीकृत राष्ट्र

ii) यूरोपीय राष्ट्रवाद के विकास का प्रभाव एशिया और अफ्रीका में भी पड़ा। यूरोपीय उपनिवेशों के आधिपत्य के विरुद्ध वहाँ भी औपनिवेशिक शासन से मुक्ति के लिए राष्ट्रीय आंदोलन आरंभ हो ए।

(iii) राष्ट्रवाद के विकास ने प्रतिक्रियावादी शक्तियों और निरंकुश शासकों का प्रभाव कमजोर कर दिया। 


2. जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क की भूमिका का वर्णन करें।

उत्तर- फ्रेडरिक विलियम चतुर्थ की मृत्यु के बाद प्रशा का राजा विलियम प्रथम बनावह राष्ट्रवादी था तथा प्रशा के नेतृत्व में जर्मनी का एकीकरकरना चाहता थाविलियम जानता था कि आस्ट्रिया फ्रांस को पराजित किए बिना जर्मनी का एकीकरण संभव हीं हैअत: ने 1862 ई० में ऑटोवॉन बिस्मार्क को पना चांसलर (प्रधानमंत्री) नियुक्त कियाबिस्मार्क प्रख्यात राष्ट्रवादी और कूटनीतिज्ञ थाजर्मनी के एकीकरण के लिए वह किसी भी कदको अनुचित नहीं मानता थाउसने जर्मन राष्ट्रवादियों के सभी समूहों से संपर्क स्थापित उन्हें अपना प्रभाव में लाने का प्रयास कियाबिस्मार्क का मानना था कि जर्मनी की समस्या का माधान बौद्धिक भाषणों से नहीं, आदर्शवाद से नहीं वरन् प्रशा के नेतृत्व में रक्त और लौह की नीति से होगा1871 ई० में फ्रैंकफर्ट की संधि द्वारा दक्षिणी राज्य उत्तरी जर्मन महासंघ में मिल गएअंततोगत्वा जर्मनी 1871 ई० में एक एकीकृत राष्ट्र के रूप में यूरोके मानचित्र पर उभरकर सामने याइस प्रकार हम कह सकते हैं कि जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क की भूमिका काफी महत्त्वपूर्ण थी


3. इटली के एकीकरण में मेजिनी के योगदान को बतायें।

उत्तर– इटली के एकीकरण में मेजिनी_मेजिनी को इटली के एकीकरण का पैगम्बर कहा जाता हैवह दार्शनिक, लेखक, राजनेता, गणतंत्र का समर्थक एवं एक कर्मठ कार्यकर्ता था। उसका जन्म 1805 में सार्डिनिया के जिनोआ नगर में हुआ था। 1815 में जब जिनोआ को पिडमौंट के .अधीन कर दिया गया, तब इसका विरोध करने वालों में मेजिनी भी था। राष्ट्रवादी भावना से प्रेरित होकर उसने गुप्त क्रांतिकारी संगठन कार्बोनारी की सदस्यता ग्रहण की। अपने गणतंत्रवादी उद्देश्यों के प्रचार के लिए मेजिनी ने 1831 में मार्सेई में ‘यंग इटली’ तथा 1834 में बर्न में ‘यंग यूरोप’ की स्थापना की। इसका सदस्य युवाओं को बनाया गया। मेजिनी जन संप्रभुता के सिद्धांत में विश्वास रखता था। उसने ‘जनार्दन जनता तथा इटली’ का नारा दियाउसका उद्देश्य आस्ट्रिया के प्रभाव से इटली को मुक्त करवाना था संपूर्ण इटली का एकीकरण करना था।


 

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