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10th class science subjective question – जनन


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कक्षा -10

जीव विज्ञान ( Biology )

13. जनन 


जाने इस पोस्ट में क्या क्या है ?

1. लैंगिक जनन का क्या महत्त्व है ?

उत्तर- सभी जीवों में गुणसूत्रों की एक संख्या निश्चित होती है। अलैंगिक जनन करने वाले में असमसूत्री या समसूत्री प्रकार का कोशिका विभाजन होता है, जिसके कारण उनमें कोई विभिन्नता नहीं आती। प्रत्येक पीढ़ी में क्रोमोसोम की संख्या भी निश्चित रहती है। लैंगिक जनन करने वालों में अर्द्धसूत्री कोशिका विभाजन होता है, जिससे उसमें भिन्नता आ जाती है। यह पीढ़ी-दर-पीढ़ी बढ़ती जाती है।



2. पौधों में लैंगिक जनन कैसे होता है ?

उत्तर- पौधों में लैंगिक जनन-एन्जिओस्पर्मस (पुष्पी पौधे) में अधिकांश पुष्प द्विलिंगी होते हैं। इनमें दोनों प्रकार के जननांग होते हैं। पुमंग को नर जननांग या जायांग तथा कारपल को मादा जननांग कहते हैं। पुमंग में परागकण बनते हैं जिसे माइक्रोस्पोर भी कहते हैं। जायांग में बीजाण्ड या मेगास्पोर बनते हैं। ये अर्धसूत्री विभाजन द्वारा बनते हैं। इनके निषेचन के बाद फल तथा बीज बनते हैं। बीज के अंकुरण के बाद नन्हा पौधा बनता है।


3. अलैंगिक जनन की मुख्य विशेषता क्या है ?

उत्तर- अलैंगिक जनन की मुख्य विशेषता है—अलैंगिक जनन से पैदा होनेवाली संतानें आनुवंशिक गुणों में ठीक जनकों की तरह होती हैं, क्योंकि इसमें युग्मकों का संगलन नहीं होता है । इसमें निषेचन की जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि युग्मकों का संगलन (fusion) नहीं होता । 


4. एकलिंगी (Asexual) तथा द्विलिंगी (Bisexual) की परिभाषा एक-एक उदाहरण देकर कीजिए l

उत्तर- एकलिंगी वे जीव जिनमें नर और मादा स्पष्ट रूप से अलग-अलग हों उन्हें एकलिंगी जीव कहते हैं। उदाहरण—मनुष्य। 

द्विलिंगी वे जीव जिनमें नर और मादा लिंग एक साथ उपस्थित होते हैं उन्हें द्विलिंगी कहते हैं। उदाहरण केंचुआ।



5. जनन किसी जीव की समष्टि के स्थायित्व में किस प्रकार सहायक है ?

उत्तर- किसी भी स्पीशीज की समष्टि के स्थायित्व में जनन और मृत्यु दर में लगभग बराबरी की दर हो तो स्थायित्व बना रहता है । एक समष्टि में जन्म दर और मृत्यु दर ही उसके आधार पर निर्धारण करते हैं ।


6. कायिक प्रवर्धन को परिभाषित करें। यह किन पौधों में करते हैं ? 

उत्तर– कायिक पादप शरीर का कोई भी कायिक या वर्षी भाग (जैसे—जड़, तना, पत्ती) विलग और परिवर्तित होकर नए पौधों का निर्माण करते हैं, कायिक प्रवर्धन कहलाता है। कायिक प्रवर्धन मुख्यतः गुलाब, आलू, ब्रायोफाइलम आदि में किया जाता है। 


7. मुकुलन क्या है ? 

उत्तर- मुकुलन एक प्रकार का अलैंगिक जनन है। जिसमें जीवों की उत्पति जनक के शरीर के धरातल से कलिका फूटने या प्रवर्ध निकलने के फलस्वरूप होता है। 

इस प्रक्रिया में जीव शरीर के किसी भाग से एक या एक से अधिक कंदरूपी उभार निकलता है। जिसे मुकुल या बड (Bud) कहते हैं। उसके बाद जनक कोशिका केन्द्रक मकल में पहुँच जाता है। केन्द्रकयुक्त मुकुल जनक के शरीर से विलग होकर नए जीव का निर्माण करता है।


8. पौधों में लैंगिक जनन के लिए कौन-सा भाग उत्तरदायी है ? समझाएँ।

उत्तर- पौधों में लैंगिक जनन के लिए पुष्प उत्तरदायी होता है । पुष्प के चार भाग होते हैं, जिसमें नर जनन अंग तथा मादा जनन अंग दोनों पाए जाते हैं । नर जनन अंग को पुशंग तथा मादा जनन अंग को जायांग कहते हैं।



9. परागण से क्या समझते हैं ? परागण कितने प्रकार के होते हैं। 

उत्तर- नर जनन अंग से परागकण का गमन मादा जनन अंग पर होना परागण कहलाता है । इसमें कीड़े, जानवर, हवा तथा पानी सहायक होते हैं।

परागण दो प्रकार के होते हैं—

(i) स्वपरागण

(ii) परपरागण।


10. बहुखंडन किसे कहते हैं ? 

उत्तर- एक कोशिकीय जीवों में कोशिका विभाजन द्वारा नए जीव की उत्पत्ति होती है इसमें कोशिका अनेक संतति कोशिकाओं में विभाजित हो जाते हैं । जैसे— मलेरिया परजीवी, प्लैज्मोडियम ।


11. मासिक चक्र कब और क्यों होता है ? 

उत्तर- जब परिपक्व अंडाणु, शुक्राणु से संयोजन नहीं कर पाता है, तो टूट जाता है, जिसके साथ आंतरिक दीवार एवं अन्य उत्सर्जी पदार्थ बाहर निकलते हैं, इसे मासिक चक्र कहते हैं। यह 28 दिनों के अंतराल पर होता है।


12. शुक्राणु का निर्माण कहाँ तथा कैसे होता है ? 

उत्तर- शुक्राणु का निर्माण वृषण (testes) में होता है। यह लगातार कोशिका विभाजन के कारण होता है। संतति कोशिका धीरे-धीरे शुक्राणु में बदल जाती है।


13. वर्षा होने के समय मक्का के परागण क्रिया में क्या-क्या प्रभाव पड़ सकता है ?

उत्तर— इन पौधों में आनुवंशिक विभिन्नता नहीं होती है, जिसके कारण ये पौधे | पर्यावरण के उतार-चढ़ाव को झेल नहीं पाते हैं। ऐसे पौधे में पर्यावरण के साथ अनुकूलित होने की झमता कम होती है जिसके कारण उत्पादन कम होने, बीमारियाँ होने तथा मर जाने की संभावना बढ़ जाती है।


14. गर्भ निरोधक गोलियों के बारे में बताएँ। 

उत्तर- परिवार नियोजन के कई उपायों में गर्भ निरोधक गोलियाँ भी एक उपाय है। इनमें कृत्रिम प्रोजेस्टेरॉन तथा एस्ट्रोजन डाला जाता है। यह ESH एवं LH के स्राव पर प्रतिबंध लगा देता है। जिसके कारण अंडोत्सर्ग की क्रिया नहीं होती है।



15. परागण क्या है ? परागण में कीटों की क्या भूमिका होती है ? 

उत्तर- परागकोष से परागकणों का प्रकीर्णन वर्तिकाग्र तक होने की प्रक्रिया को परागण कहते हैं । कीटों के द्वारा पर-परागण की क्रिया होती है। 


16. द्विलिंगी जीव कौन-से होते हैं ? उदाहरण लिखें। 

उत्तर- वे जीव जिनमें नर तथा मादा दोनों अंग होते हैं तथा वे नर तथा मादा दोनों प्रकार के युग्मों को उत्पन्न करते हैं, उभयलिंगी अथवा द्विलिंगी जीव कहलाते हैं। जैसे- केंचुआ।


17. डी०एन०ए० की प्रतिकृति बनाना जनन के लिए क्यों आवश्यक है ? 

उत्तर-एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में आनुवंशिक गुणों का वाहक क्रोमोसोम होता है, जो D.N.A. से बना होता है। अतः इसकी प्रतिकृति बनाना जनन के लिए आवश्यक है।


18. परागण क्रिया निषेचन क्रिया से किस प्रकार भिन्न है ? 

उत्तर- परागकणों के परागकोश से निकलकर उसी पुष्प या उस जाति के दूसरे पुष्पों के वर्तिकान तक पहुँचने की क्रिया को परागण कहते हैं। 

निषेचन के अंतर्गत परागकणों के वर्तिकान तक पहुँचने के बाद निषेचन की क्रिया होती है। नर युग्मक और मादा युग्मक के संगलन को निषेचन कहा जाता है।



19. बाह्य निषेचन तथा आंतरिक निषेचन का क्या अर्थ है ?

उत्तर- बाह्य निषेचन जब नर तथा मादा युग्मकों का संलयन मादा के शरीर के बाहर होता है तो इस संलयन को बाह्य निषेचन कहते हैं, जैसे मेंढक में नर तथा मादा दोनों जीव संभोग करते हैं और अपने-अपने युग्मकों को पानी में छोड़ देते हैं, शुक्राणु अंडों को पानी में ही निषेचित करता है। 

       बाह्य निषेचन में अंडाणुओं को आंतरिक सुरक्षा की अनुपस्थिति के कारण नष्ट होने के अवसर अधिक होते हैं, इसलिए इस बात. की निश्चितता के लिए कुछ अण्डाणु निषेचित हो सकें, मादा अधिक अण्डाणु उत्पन्न करती है। आन्तरिक निषेचन- बहुत-से जीवों, जैसे कुत्ता, ‘बिल्ली, गाय, कीट, मनुष्य, सरीसृप, पक्षी तथा स्तनधारियों आदि में नर अपने शुक्राणुओं को मादा के शरीर के अन्दर छोड़ते हैं। शुक्राणु अंडों को मादा के शरीर के अन्दर ही निषेचित करते हैं। ऐसे निषेचन को आन्तरिक निषेचन कहते हैं।


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