Class 10 संस्कृत सब्जेक्टिव Matric [कक्षा-10]

Bihar Board Class 10 Sanskrit (कर्णस्य दानवीरता)Objective Question Paper 2024 | Matric Exam -2024


कक्षा – 10

विषय – संस्कृत 

अध्याय – 12 (कर्णस्य दानवीरता)


( 10th Class Sanskrit Subjective Question Answer 2024 ) यहां पर इस पेज में बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2024 के लिए कक्षा 10 संस्कृत का 10th Class Sanskrit ( अलसकथा ) Objective Question Paper  नीचे दिया गया है। यह प्रश्न उत्तर बहुत ही महत्वपूर्ण है। इससे मैट्रिक बोर्ड परीक्षा में बार-बार पूछे जाते हैं दोस्तों अगर आप इस बार बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2024 के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो आपके लिए यह सभी प्रश्न बहुत ही महत्वपूर्ण है।


प्रश्न 1. कर्ण की दानवीरता का वर्णन करें । 

अथवा, कर्ण का चरित्र चित्रण करें । 

उत्तरम् – कर्ण की दानवीरता संसार प्रसिद्ध है। कर्ण ने अपने प्राण रक्षक कवच-कुण्डल तक दान कर दियें अर्थात् दान के प्रति उसकी निष्ठा ने प्राण को तुच्छ माना। कृष्ण को यह पता चल गया था कि कवच – कुण्डल के रहते कर्ण को हराना मुश्किल है अतः उन्होंने इन्द्र को भेजा था। कर्ण ने अपनी स्थिति को जानते हुए इसलिए कवच-कुण्डल दान कर दिया कि कर्ण के दरबार में देवताओं के राजा इन्द्र को भी भिक्षाटन करना पड़ रहा है। दान के प्रति श्रद्धा ने कर्ण को विश्व विख्यात दानी बना दिया। वह सत्यपालक और दृढनिश्चयी भी है।

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प्रश्न 2. ‘ कर्णस्य दानवीरता पाठ का परिचय दें । 

उत्तरम् -‘ कर्णस्य दानवीरता’ पाठ संस्कृत के प्रथम नाटककार ‘भास’ द्वारा रचित ‘कर्णभार:’ नामक एकांकी रूपक से संकलित है। इसमें महाभारत के प्रसिद्ध पात्र कर्ण की दानवीरता का वर्णन है । इन्द्र छलपूर्वक कर्ण से उसके प्राणरक्षक कवच-कुण्डल माँग लेते हैं। इस पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि दान करते समय याचक की पृष्ठभूमि जान लेनी चाहिए अन्यथा परोपकार विनाशक भी हो सकता है।


प्रश्न 3. ‘कर्णस्य दानवीरता पाठ के आधार पर इन्द्र का चरित्र चित्रण करें । 

 उत्तरम् -‘कर्णस्य दानवीरता’ नामक पाठ में इन्द्र का चरित्र प्रतिनायक के रूप में है जो छलपूर्वक व्यवहार कर्ण के साथ करता है। वह एक भिखारी ब्राह्मण के रूप में कर्ण के दरबार में पहुँचता है। इससे पता चलता है कि इन्द्र अपने लक्ष्य प्राप्ति हेतु गलत मार्ग को अपनाता है। वह निर्लज्जतापूर्वक कर्ण का प्राणरक्षक कवच-कुण्डल तक माँग लेता है। वह कर्ण को ‘दीर्घायु भव’ न बोलकर ‘यशस्वी भव’ का आशीर्वाद देता है। इस प्रकार हम देखते हैं कि इन्द्र का चरित्र अधम कोटि का है।

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S.N   10TH (MATRIC) EXAM 2024
1. 📘 SCIENCE (विज्ञान)   
2. 📕 SOCIAL SCIENCE (सामाजिक विज्ञान)  
3. 📒 MATH (गणित)
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5. 📗 NON-HINDI (अहिन्दी)
6. 📔 MAITHILI (मैथिली)
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