10th science vvi subjective 202
Class 10 Science-विज्ञान Objective Matric [कक्षा-10]

Class 10 science vvi subjective question 2021


8. धातु एवं अधातु


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1. धातुओं के दो रासायनिक गुणों को लिखें।

उत्तर- (i) धातुओं के ऑक्साइड क्षारीय होते हैं। 

         (ii) अम्लों से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस विस्थापित करते हैं। 

2Na + 2HCl → 2NaCl + H2


2. अधातु के दो गुणधर्मों को लिखें।

उत्तर- (i) अधिकतर अधातुएँ गैसीय अवस्था में पाये जाते हैं। 

         (ii) अधातुएँ सोनोरस ध्वनि उत्पन्न नहीं करते हैं। 


3. दो धातुओं के नाम बताइए जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन विस्थापित कर देंगे तथा दो धातुएँ जो ऐसा नहीं कर सकती हैं।

उत्तर- सोडियम और पोटाशियम दो ऐसे अभिक्रियाशील धातु है जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन विस्थापित करते हैं –

2Na + 2HCl → 2NaCl + H2

2K + H2SO4 → K2SO4 + H2

सोना और प्लैटिनम तनु अम्लों के साथ अभिक्रिया नहीं करती हैं तथा हाइड्रोजन का विस्थापन नहीं करती हैं।


4. धातुएँ विद्युत के सुचालक क्यों होती हैं ? 

उत्तर- धातुएँ विद्युत के अच्छे चालक होते हैं। ये विद्युत धनात्मक भी हैं। इसमें इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति तीव्र होती है। ये ताप और विद्युत के सुचालक होते हैं। इसके तार से होकर विद्युत का प्रवाह आसानी से की जा सकती है। धातुओं की चालकता उनमें उपस्थित मुक्त इलेक्ट्रॉन के कारण होती है। ये इलेक्ट्रोन धातु से होकर आसानी से दौड़ सकते हैं। यही कारण है कि धातु विद्युत और ताप के अच्छे चालक हैं l


5. धातुओं का परिष्करण से क्या तात्पर्य है ? 

उत्तर- अपचयन प्रक्रम से प्राप्त धातुएँ शुद्ध नहीं होती है। इनमें अपद्रव्य होते हैं। शुद्ध धातु की प्राप्ति इन अपद्रव्यों को धातु से हटाकर किया जाता है। अतः अशुद्ध धातुओं से अपद्रव्यों को हटाना धातुओं का परिष्करण कहा जाता है।


6. मिश्रधातु क्या है ? तांबे के मिश्रधातु के दो उदाहरण दें। 

उत्तर- किसी धातु में अन्य धातु या अधातु की एक निश्चित मात्रा मिलाकर इच्छित गुण-धर्म वाली मिश्रधातुएँ प्राप्त की जा सकती हैं। ताम्बे के दो मिश्रधातु निम्नांकित हैं—पीतल और काँसा। पीतल में 80% Cu और काँसा में 90% Cu पाया जाता है। 


7. मिश्रातु (मिश्रधातु) क्या है ? उदाहरण दें।

उत्तर- मिश्नातु (मिश्रधातु) : दो या दो से अधिक धातुओं अथवा धातु एवं अधातु के सामंगी मिश्रण को मिश्रातु (मिश्रधातु) कहते हैं। मिश्रधातु बनाने के लिए पहले मूल धातु को गलित अवस्था में लाया जाता है एवं उसके बाद दूसरे तत्त्वों – को भार के विचार से एक निश्चित अनुपात में मिलाने से जो समांगी मिश्रण प्राप्त होता है वह मिश्रातु (मिश्रधातु) कहलाता है। मिश्रातु में एक धातु पारद (पारा) हो तो उसे अमलगम कहते हैं। 

जैसे- सोडियम अमलगम (Na + Hg), टिन अमलगम (Sn + Hg) इत्यादि।


8. ऐसी धातु का उदाहरण दीजिए जो –

(i) कमरे के ताप पर द्रव होती है।

(ii) चाकू से आसानी से काटा जा सकता है।

(iii) ऊष्मा की सबसे अच्छी चालक होती है। 

(iv) ऊष्मा की कुचालक होती है।

उत्तर- (i) पारद, (ii) सोडियम तथा पोटाशियम, (iii) सोना और सिल्वर, (iv) लेड तथा मरकरी।


9. एक धातु और एक अधातु का नाम लिखें जो वायु के सम्पर्क में आने पर जल उठते हैं ?

उत्तर- सोडियम धातु वायु के सम्पर्क में आने पर वायुमंडलीय सामान्य ताप पर ही जल उठते हैं। श्वेत फॉस्फोरस अधातु है इसे पानी में डुबाकर रखा जाता है। यह वायु के सम्पर्क में आते ही जल उठता है।


10. थर्मिट अभिक्रिया क्या है ? 

उत्तर- आयरन (III) ऑक्साइड (Fe2O3) के साथ ऐलुमिनियम की अभिक्रिया काफी तीव्र होती है और काफी ऊष्मा निकलता है इसका उपयोग रेल की पटरियों को जोड़ने में होता है। इस अभिक्रिया को थर्मिट अभिक्रिया कहते हैं। 


11. अयस्कों के समृद्धीकरण से क्या तात्पर्य है ? 

उत्तर- पृथ्वी से निकलने वाले अयस्कों में मिट्टी, रेत आदि जैसी कई अशुद्धियाँ पाई जाती हैं। इन अशुद्धियों को हटाना अयस्कों का समृद्धीकरण कहा जाता है।


12. द्विधर्मी ऑक्साइड क्या है ? उदाहरण दें। 

उत्तर- वैसे ऑक्साइड को द्विधर्मी अथवा उभयधर्मी ऑक्साइड कहे जाते हैं जिनमें अम्लीय और क्षारीय दोनों गुण मौजूद होते हैं। जैसे एलुमिनियम ऑक्साइड। ये अम्लों और क्षारों से अभिक्रिया कर भिन्न-भिन्न यौगिकों का निर्माण करता है। 

Al2O3 + 6HCI → 2AICI3 + 3H2

Al2O3 + 2NaOH → 2NaAIO2 + H2O  




13. आयनिक यौगिकों के गलनांक उच्च क्यों होते हैं ? 

उत्तर- आयनिक यौगिक ठोस अवस्था में पाए जाते हैं। इनमें अंतर आण्विक आकर्षण बल काफी मजबूत होते हैं। अतः अंतर आण्विक आकर्षण को तोड़ने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि आयनिक यौगिकों के गलनांक काफी उच्च होते हैं।


14. तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ ऐलुमिनियम, मैग्नीशियम, जिंक तथा आयरन की अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लीजिए।

उत्तर-

2Al + 6HCl →  2AICI3 + 3H2

Mg + 2HCl →  MgCl2 + H2

Zn + 2HCI —— ZnCl2 + H2

2Fe + 6HCL → 2FeCl, + 362


15. बिजली के तार पर पॉलि विनाईल क्लोराइड (P.V.C) अथवा रबर जैसी सामग्री की परत चढ़ी होती है, क्यों ?

उत्तर—पॉलिविनाईल अथवा रबड़ विद्युत के अचालक होते हैं। तार पर इसकी परत चढ़ा देने पर खुले तार द्वारा बिजली के झटका से हम बच जाते हैं। ऐसा नहीं करने पर बिजली का तार हमारे लिए खतरा उत्पन्न कर सकती है। 


16. सोना सांद्र अम्लों में भी नहीं घुलता है। यह किंस द्रव में घुलनशील है।

उत्तर–सोना ऐसा धातु है जो सान्द्र अम्लों में भी नहीं घुलता है क्योंकि इसकी अभिक्रियाशीलता अन्य धातुओं की अपेक्षा बहुत कम है। 

एक्वा रेजिया 3 : 1 के अनुपात में सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल और सांद्र नाइट्रिक अम्ल का ताजा मिश्रण है। यह मिश्रण सोना को भी घुला सकता है। 


17. खनिज और अयस्क में क्या अंतर है ?  

उत्तर—पृथ्वी की भूपर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले तत्त्वों या यौगिकों को खनिज कहते हैं। जिन खनिजों से धातु का निष्कर्षण सुलभ ढंग से किया जाता है, उस खनिज को अयस्क कहते हैं। 


18. एनोड पंक क्या है ? उदाहरण के साथ समझावें। 

उत्तर- विद्युत शोधन में जब विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तब एनोड पर स्थित अशुद्ध धातु केटायन के रूप में घोल में जाने लगती है। उतने ही मात्रा में शुद्ध धातु कैथोड पर जमा होती है। घुलनशील अशुद्धियाँ घोल में चली जाती हैं। अघुलनशील अशुद्धियाँ एनोड के नीचे जमा हो जाती है। इन्हें एनोड पंक कहते हैं। 


19. मिश्रात्वन से क्या समझते हैं ? उदाहरण दें। 

उत्तर- किसी धातु में अन्य धातु अथवा अधातु की एक निश्चित मात्रा मिलाकर इच्छित गुणधर्म वाली मिश्रधातु प्राप्त की जाती है। 

इस गुणधर्म को मिश्रात्वन कहा जाता हैपीतल, काँसा, स्टेनलेस स्टील इनके उदाहरण हैं।


20. आघातवर्ध्य तथा तन्य का अर्थ बताइए। 

उत्तर- कुछ धातुओं को पीटकर उनके चद्दर बनाए जाते हैं। इस गुणधर्म को आघातवर्ध्यता कहते हैं और धातु आधातवर्ध्य कहलाती है। 

किसी धातु के पतले तार खींचे जा सकते हैं। धातुओं के इस गुणधर्म को तन्यता कहते हैं तथा धातु तन्य कहलाती है। एक ग्राम सोने से 2 किमी० लंबा तार बनाया जा सकता है। 


21. चाँदी, सोना एवं प्लैटिनम का उपयोग आभूषण बनाने में किया जाता है। क्यों ? 

उत्तर- सोना एक कोमल, सुनहले रंग का कीमती धातु है। इसका मुख्य उपयोग आभूषण बनाने में होता है। सोने की शुद्धता को कैरेट (Carat) में मापते हैं। शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है। आभूषण बनाते समय शुद्ध सोने में कम कीमती धातु ताँबा या चाँदी थोड़ा मिला दिया जाता है, जिससे वह कुछ कठोर बन जाता है। सोने के बने आभूषण 22 कैरेट के होते हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि इन आभूषणों में 22 भाग सोना 2 भाग ताँबा या चाँदी की मिलावट है। 24 कैरेट सोना को 18 कैरेट सोना में बदलने के लिए 18 भाग सोना में 6 भाग ताँबा या चाँदी मिश्रित कर देते हैं।


22. लोहे को जंग लगने से बचाने के लिए किन-किन युक्तियों का उपयोग किया जाता है ? 

उत्तर- लोहे पर जंग लगने से बचाने के लिए लोहे की वस्तुओं पर पेंट करके, तेल लगाकर, ग्रीज लगाकर, यशद लेपन, क्रोमियम लेपन, एनोडीकरण या मिश्रधातु बनाकर आदि उपाय किए जाते हैं। इससे लोहे का संक्षारण रूक जाता है और लोहे की वस्तुएँ बर्बाद होने से बच जाती है।


23. संयोजी इलेक्ट्रॉन क्या है ? सोडियम परमाणु में स्थित संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या लिखें। 

 उत्तर- किसी भी तत्त्व की संयोजकता उसके परमाणु के सबसे बाहरी कोश में उपस्थित संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या से निर्धारित होती है। 

मान लिया कि एक तत्त्व Na है। इसकी परमाणु संख्या 11 है। इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,1 है। 

अतः परमाणु के बाहरी कोश में इलेक्ट्रॉन संख्या 1 है। अतः इसकी संयोजकता 1 होगी। 


24. ध्वानिक (सोनोरस) किसे कहते हैं ? 

 उत्तर- जब धातुएँ किसी कठोर सतह से टकराती है तो उनसे एक विशेष प्रकार की ध्वनि उत्पन्न होती है। इसे धातुई ध्वनि कहते है। इस प्रकार की धातुएँ ध्वानिक कहलाती है। स्कूल की घंटी से निकलने वाली ध्वनि इसका उदाहरण है।


25. (i) कौन-सी धातु हथेली पर रगड़ने पर पिघलने लगती है? 

(ii) एक द्रव धातु और एक द्रव अधातु का नाम बतावें।

(iii) किस धातु को किरासन तेल में डुबाकर रखा जाता है ?

उत्तर-

(i) गैलियम और सिजियम 

(ii) पारा और ब्रोमीन 

(iii) सोडियम धातु । 


26. मिश्रधातु किसे कहते हैं ? दो मिश्रधातुओं के नाम एंव उपयोग बतावें।

उत्तर- दो-या-दों से अधिक धातुओं के सामांगी मिश्रण को मिश्रधातु कहते हैं। 

दो मिश्रधातुएँ एवं उनका उपयोग :

(i) ड्युरालुमिन — वायुयान की बाडी बनाने में तथा मोटर पार्ट्स बनाने में। 

(ii) पीतल— बरतन आदि बनाने में। 


27. अधातु के पाँच भौतिक गुणों को लिखिए।

उत्तर- अधातुओं के गुण :

(i) अधातुओं में धात्विक चमक नहीं होती है। अपवाद आयोडीन।

(ii) अधातुएँ ऑक्साइड प्रदान करती है।

(iii) अधातु के गलनांक और क्वथनांक निम्न होते हैं।

(iv) अधिकतर अधातुएँ गैसीय अवस्था में पायी जाती है। कुछ अधातुएँ ठोस और द्रव अवस्था में भी पाई जाती है। जैसे ब्रोमीन द्रव अवस्था में और सल्फर ठोस अवस्था में रहती है।

(v) अधातुएँ जल में अल्प घुलनशील होता है।


28. धातुओं के भौतिक गुणधर्मों को लिखें।

उत्तर- धातुओं के भौतिक गुणधर्म निम्नांकित हैं :

(i) धात्विक चमक- प्रत्येक धातु का अपना धात्विक चमक होता है जिससे इसे पहचानने में सुविधा होती है। धातुओं में यह गुण धात्विक चमक है। 

(ii) कठोरता- धातुएँ समान्यतः कठोर होती है। आयरन, ऐलुमिनियम तथा कॉपर काफी कठोर धातुएँ हैं। इन्हें चाकू से नहीं काटा जा सकता है। लेकिन Na, और पोटैशियम धातु मुलायम है जिसे चाकू से भी काटा जा सकता है। यह गुण कठोरता कहलाती है। 

(iii) आघातवर्ध्यता एवं तन्यता- धातुओं को हथौड़े से पीटकर पतला चादर बनाया जा सकता है। धातु का यही गुण आघातवर्ध्यता कहलाता है। धातुओं के तार खींचें जा सकते हैं। यह गुण तन्यता कहलाती है। 

(iv) ऊष्मीय तथा विद्युतीय चालकता- धातु के एक सिरे को गर्म करने पर दूसरा सिरा भी गर्म हो जाता है। धातु में यह गुण ऊष्मीय चालकता कहलाता है। 

धातु के तार द्वारा विद्युत एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जा सकता है। धातुओं में यह गुण विद्युतीय चालकता कही जाती है। 


29. आयनिक यौगिकों के गुणधर्मों को लिखें।

उत्तर- आयनिक यौगिक के निम्नांकित गुणधर्म हैं –

(i) इसका गलनांक तथा क्वथनांक उच्च होता है।

(ii) इनके धन और ऋण आयनों के बीच मजबूत आकर्षण बल के कारण ये यौगिक ठोस एवं थोड़े कठोर होते हैं।

(iii) ये यौगिक सामान्यतः जल में घुलनशील होते हैं। लेकिन पेट्रोल. किरोसीन आदि जैसे विलायकों में अघुलनशील होते हैं।

(iv) इस यौगिक के जलीय विलयन विद्युत के अच्छे चालक हैं, तथा आयन विपरीत इलेक्ट्रोड की ओर गमन करते हैं। 


30. धातुओं का संक्षारण किन-किन कारणों से होता है ?

उत्तर- धातुओं का संक्षारण निम्न कारणों से होता है :

(i) खुली वायु में सिल्वर की वस्तुओं को कुछ दिनों के लिए छोड़ देने पर उसकी सतह काली हो जाती है। सिल्वर का वायु में उपस्थित सल्फर के साथ अभिक्रिया कर सिल्वर सल्फाइड की परत बनने के कारण ऐसा होता है।

(ii)कॉपर को आर्द्र वायु में छोड़ने पर भूरे रंग की चमक धीरे-धीरे खत्म हो जाती है तथा इस पर हरे रंग की परत चढ़ जाती है। यह हरा पदार्थ कॉपर कार्बोनेट है।

(iii) लंबे समय तक लोहे की वस्तुओं को आर्द्र वायु में छोड़ देने पर उसका परत भूरे रंग का हो जाता है जिसे जंग लगना कहा जाता है। धीरे-धीरे लोहे की वस्तुएँ संक्षारित होकर बर्बाद हो जाती है। 


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